जानें, धनतेरस, और दिवाली पर पूजा का शुभ मुहूर्त


समुद्र मंथन के दौरान कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी के दिन भगवान धन्‍वंतरि अपने हाथों में अमृत कलश लेकर प्रकट हुए..

जानें, धनतेरस, और दिवाली पर पूजा का शुभ मुहूर्त


दिपावली पर्व को लेकर बाज़ार सज गए हैं। हर तरफ दिवाली की रौनक नज़र आ रही है। आज धनतेरस है ऐसी मान्‍यता है कि समुद्र मंथन के दौरान कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी के दिन भगवान धन्‍वंतरि अपने हाथों में अमृत कलश लेकर प्रकट हुए। कहते हैं कि चिकित्सा विज्ञान के विस्तार और प्रसार के लिए ही भगवान विष्णु ने धनवंतरी का अवतार लिया था। भगवान धनवंतरी के प्रकट होने के उपलक्ष्य में ही धनतेरस का त्योहार मनाया जाता है। ऐसा कहा जाता है कि धनतेरस के दिन लक्ष्‍मी पूजन करने से घर धन-धान्‍य से पूर्ण हो जाता है।

इसी दिन यथाशक्ति  खरीददारी और लक्ष्‍मी गणेश की नई प्रतिमा को घर लाना भी शुभ माना जाता है। कहते हैं कि इस दिन जिस भी चीज की खरीददारी की जाएगी उसमें 13 गुणा वृद्धि होगी। à¤œà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿à¤·à¤¾à¤šà¤¾à¤°à¥à¤¯ पंडित अशोक कुमार शर्मा के अनुसार भगवान धनवंतरी की पूजा का शुभ मुहूर्त है शाम पांच से छह बजे तक है। इसी दिन घर के बाहर चौकठ पर एक चार मुखी दीया जलाया जाता है। अकाल मृत्यु से बचने के लिए घर के बाहर ये दिया जलाया जाता है। वहीं छोटी दिवाली पर पांच घी के दिए जलाएं जाते है। ज्योतिषाचार्य के मुताबिक बड़ी दिवाली के दिन कार्यस्थल पर पूजन का उपयुक्त समय दोपहर 2 बजकर 10 मिनट से 3 बजकर 40 मिनट और शाम 6 बजकर 40 से रात 8 बजकर 40 तक रहेगा।

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