उत्तर प्रदेश में गैर कानूनी धर्म परिवर्तन अध्यादेश को राज्यपाल की मंजूरी मिल गई है. राज्यपाल की मंजूरी के बाद बरेली में धर्म परिवर्तन कराने के पहला मामला सामने आया है. नए कानून के तहत पहली एफआईआर भी दर्ज कर ली गई है.
उत्तर प्रदेश में पारित गैर कानूनी धर्म परिवर्तन अध्यादेश को शनिवार को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने मंजूरी दे दी थी, राज्यपाल की मंजूरी के बाद यह कानून यूपी में लागू हो गया और इसके बाद ही बरेली में धर्म परिवर्तन कराने का पहला मामला सामने आया. इस मामले में पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर आरोपी की तलाश शुरू कर दी है.
पुलिस की माने तो बरेली के थाना देवरनिया में धर्म परिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम 3/5 की धारा में मुकदमा दर्ज किया गया है.आपको बता दें कि आरोपी पर जबरन धर्मांतरण कराने का आरोप है. उबैस नाम के आरोपी पर लड़की को बहला फुसला कर धर्म परिवर्तन कराने का आरोप है और इसके बाद से वो लगातार फरार चल रहा है.
राज्यपाल की मंजूरी के 6 महीने के अंदर राज्य सरकार को इसे विधानसभा से पास कराना पड़ेगा, इसके तहत मिथ्या, झूठ, जबरन, प्रभाव दिखाकर, धमकाकर, लालच देकर, विवाह के नाम पर या धोखे से किया या कराया गया धर्म परिवर्तन अपराध की श्रेणी में आएगा.
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा प्रमुख अखिलेश यादव नए अध्यादेश को लेकर विरोध जताया, अखिलेश यादव ने कहा कि सरकार में बैठे लोगों से अच्छा झूठ कोई और नहीं बोल सकता. उन्होंने कहा कि अगर कानून ही बना रहे हो तो ऐसा कानून बना दो जिससे किसानों की आय दोगुनी हो जाए. योगी सरकार के नए कानून पर अखिलेश यादव ने कहा कि समाजवादी पार्टी ऐसे किसी कानून के पक्ष में नहीं है, सपा इसका विरोध करेगी.