देश में किसानों की आय बढ़ाने के अलग-अलग तरीके निकाले जा रहे हैं। किसान समिति के अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· ने कहा कि किसानों के दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ पैदा की गई उपज को लागत से 1.5 गà¥à¤£à¤¾ दिलाने के लिठऑनलाइन राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ कृषि बाज़ार (इ-नाम) जैसे मंच पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ करने के लिठनिरà¥à¤£à¤¯ लिठगठहैं। बता दें हरियाणा की 54 मंडियों को इ-नाम से जोड़ा गया है।
गà¥à¤°à¥à¤—à¥à¤°à¤¾à¤® में विशà¥à¤µ संघ में अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· ने कहा कि दो साल पहले देश में ई-नाम लागू किया गया था ताकि किसानों को उनके उतà¥à¤ªà¤¾à¤¦à¤¨ को किसी à¤à¥€ मंडी में पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¸à¥à¤ªà¤°à¥à¤§à¥€ कीमतों पर बेचने में सकà¥à¤·à¤® बनाया जा सके। 
यह सफ़ल साबित हà¥à¤† कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि इस मंच के माधà¥à¤¯à¤® से अब तक 50,000 करोड़ से जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ का कारोबार किया गया है।
शà¥à¤°à¥€ दलवाई ने कहा कि 1.1 9 करोड़ से अधिक किसान, 1.18 लाख वà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤¾à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚, 66,000 से अधिक कमीशन à¤à¤œà¥‡à¤‚ट और 20 राजà¥à¤¯à¥‹à¤‚ के 383 किसान उतà¥à¤ªà¤¾à¤¦à¤• संगठन ई-नाम मंच से जà¥à¤¡à¤¼à¥‡ हà¥à¤ थे। ई-नाम मंच पर 585 मंडी और 90 वसà¥à¤¤à¥à¤à¤‚ पंजीकृत हैं।