अब MP में जल्द शुरू होगी काजू की खेती


मध्य प्रदेश के बैतूल ज़िले में जल्द ही काजू की खेती शुरू होगी। इसकी खेती के लिए ज़िले में भी तैयारी शुरू हो गई हैं। बता दें शुरूआत में ५० लाख हेक्टेयर में इसकी खेती को शुरू किया जाएगा।

अब MP में जल्द शुरू होगी काजू की खेती


मध्य प्रदेश के बैतूल ज़िले में जल्द ही काजू की खेती à¤¶à¥à¤°à¥‚ à¤¹à¥‹à¤—ी। इसकी खेती के लिए ज़िले में भी तैयारी à¤¶à¥à¤°à¥‚ हो गई हैं। बता दें शुरूआत में à¥«à¥¦ लाख हेक्टेयर में इसकी खेती को शुरू किया जाएगा।

दरअसल अफ्रीका से काजू का बीज मंगाया गया है। बैतूल प्रदेश का पहला ज़िला होगा जहां काजू उत्पादन इतने बड़े पैमाने पर शुरू किया जाएगा। काजू संचलायन के डायरेक्टर डॉ वेंकटेश ने बैतूल ज़िले का à¤¤à¥€à¤¨ दिन तक दौरा किया। इस दौरान उन्होंने à¤¬à¤¤à¤¾à¤¯à¤¾ कि बैतूल में काजू की वेंगरूला- 47 प्रजाति जलवायु को सूट करती है और जल्द से जल्द इसको लगवाने का प्रयास किया जाएगा।

देश की सरकार ने अफ्रीका से इस काजू का बीज मांगवाने की तैयारी की है। जैसे ही यह बीज आएगा इसे किसानों को उपलब्ध करवाया जाएगा। उनके मुताबिक ज़िले में काजू की खेती की बेहद ही अपार संभावनाए हैं। फिलहाल, 150 हेक्टेयर जमीन पर काजू की खेती करने का टारगेट तय किया गया है।

अलग-अलग à¤¤à¥€à¤¨ à¤–ंडों à¤®à¥‡à¤‚ à¤¹à¥‹ à¤°à¤¹à¥€ à¤–ेती

फिलहाल तीन विकासखंडों घोड़ाडोंगरी, शाहपुर और चिचोली में ही काजू की खेती होती है। बता दें à¤®à¤¹à¤¾à¤°à¤¾à¤·à¥à¤Ÿà¥à¤° के प्रसिद्ध रत्नागिरी में भी हापुस और अल्फांसो आम की जगह काजू का उत्पादन किसान कर रहे हैं। काजू उत्पादन से वे लाखों रुपए कमा रहे हैं। अनुपजाऊ ज़मीनों से भी वे बेहतर आमदनी कर रहे हैं।

जानने में दिलचस्पी होगी कि à¤•ाजू का मूलस्थान ब्राज़ील है। आन्ध्रप्रदेश, गोवा, कर्नाटक, केरल, महाराष्ट्र, ओड़िशा, तमिलनाडू और पश्चिम बंगाल में काजू की खेती होती है। साथ ही à¤…सम, छतीसगढ़, गुजरात, मेघालय, नागालैंड और त्रिपुरा के कुछ इलाकों में भी काजू की खेती की जाती है।

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