Bharat Jodo Yatra: समाप्त हुई की पदयात्रा, जानें श्रीनगर में लोगों को संबोधन में क्या बोले राहुल गांधी


राहुल गांधी ने कहा कि मैंने हिंसा देखी है, इसलिए मैं समझता हूं. नरेंद्र मोदी और अमित शाह ने नहीं देखी है.

Bharat Jodo Yatra: समाप्त हुई की पदयात्रा, जानें श्रीनगर में लोगों को संबोधन में क्या बोले राहुल गांधी


नई दिल्लीः 12 राज्यों और दो केंद्रशासित प्रदेशों से होते हुए गुजरी, राहुल गांधी की 'भारत जोड़ो यात्रा' (Bharat Jodo Yatra) कन्यकुमारी से शुरू हुई थी और आज श्रीनगर में खत्म हो गई है. इस दौरान राहुल गांधी ने 3 हजार 570 किलोमीटर लंबी 'पदयात्रा' की है. राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने 'भारत जोड़ो यात्रा' पिछले साल 7 सितंबर को तमिलनाडु के कन्याकुमारी से शुरू की थी.
इसके बाद ये यात्रा तिरुवनंतपुरम केरल, कोच्चि (केरल), नीलंबुर (केरल), मैसूर (कर्नाटक), बेल्लारी (कर्नाटक), रायचुर (कर्नाटक), विकराबाद (तेलंगाना), नांदेड़ (महाराष्ट्र), जलगांव जामोद (महाराष्ट्र), इंदौर (मध्य प्रदेश), कोटा (राजस्थान), दौसा (राजस्थान), अलवर (राजस्थान), बुलंदशहर (उत्तर प्रदेश), दिल्ली, अंबाला (हरियाणा), पठानकोट (पंजाब), जम्मू (जम्मू-कश्मीर) और श्रीनगर (जम्मू-कश्मीर) तक पहुंची. 
*संबोधन में क्या बोले राहुल गांधी*
भारत जोड़ो यात्रा के खत्म होने के खास मौके पर राहुल गांधी ने श्रीनगर में अपने संबोधन में कहा कि मैं रोज 8 से 10 किलोमीटर दौड़ता था, इसलिए मुझे लगता था कि मेरे लिए भारत जोड़ो यात्रा कठिन नहीं होगी. मगर पैर में पहले की एक चोट उभर गई, तो सोचा कि 3700 किमी. कैसे चल पाऊंगा, लेकिन किसी तरह कर लिया. 
राहुल ने कहा कि इस यात्रा के दौरान बहुत कुछ सीखने को मिला. जब मैं कन्याकुमारी से आगे बढ़ रहा था, तब मुझे ठंड लग रही थी. मैंने कुछ बच्चे देखे. वे गरीब थे, उन्हें ठंड लग रही थी, वे मजदूरी कर रहे थे और कांप रहे थे. मैंने सोचा ठंड में ये बच्चे स्वेटर-जैकेट नहीं पहन पा रहे हैं, तो मुझे भी नहीं पहनना चाहिए. भारत जोड़ो यात्रा के दौरान कई महिलाएं मुझसे मिलकर रोईं. 
राहुल गांधी ने अपने संबोधन में आगे कहा कि उनके रिश्तेदारों ने उनके साथ दुष्कर्म किया. उन्होंने पुलिस से बताने के लिए भी मुझे मना किया. राहुल गांधी ने कहा कि इसी रास्ते से काफी साल पहले मेरे पुरखे ऊपर से नीचे आए और गंगा किनारे इलाहाबाद गए. इसलिए जब श्रीनगर आया तो मुझे लगा कि मैं अपने घर जा रहा हूं. मैं हमेशा सरकारी घरों में रहा, मेरा अपना कोई घर नहीं है.
राहुल ने आगे कहा कि मेरे परिवार का अपना कुछ नहीं है. जो कुछ है वो आपने सिखाया है, कश्मीर ने सिखाया, लेह ने सिखाया है. सुरक्षा एजेंसियों ने उनसे कहा कि आप पर ग्रेनेड हमला हो सकता है. मैंने कहा कि मैं 4 दिन में अपनी घर की ओर यात्रा करूंगा. मैंने नफरत करने वालों को मौका दिया कि मेरी टी शर्ट का रंग बदल दो, इसे लाल कर दो, लेकिन मुझे श्रीनगर में ग्रेनेड नहीं मिला. लोगों ने प्यार और आंसुओं से स्वागत किया.
राहुल गांधी ने कहा कि मैंने हिंसा देखी है, इसलिए मैं समझता हूं. नरेंद्र मोदी और अमित शाह ने नहीं देखी है. राहुल ने कहा कि मैं गारंटी देता हूं कि बीजेपी का कोई नेता कश्मीर में नहीं चल सकता है, क्योंकि वो डरते हैं. जब मैं अमेरिका में था, तब मेरे पास फोन आया की पापा मर गए. मैंने कहा मुझे पता है. बीजेपी के लोग ये दर्द नहीं समझते हैं. पुलवामा में जो शहीद हुए उनके परिवार वालों को पता है कि कैसा महसूस होता है, जब फोन आता है. 
राहुल गांधी ने आगे कहा कि मुझे पता है, मेरी बहन को पता है कि कैसा महसूस होता है. मेरा लक्ष्य इस तरह की कॉल आना बंद करना है. बीजेपी और आरएसएस मुझे गलियां देते हैं, पर मैं उन्हें धन्यवाद देता हूं. बीजेपी ने राजनीति का एक चेहरा दिखाया है. हम भी इंसानियत का एक चेहरा दिखाना चाहते हैं. वे नफरत के बाजार में मोहब्बत की दुकान खोलना चाहते हैं.

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