भारत सरकार दलाई लामा को संसद में सम्बोधन का अवसर दें - डॉ हरेंद्र कुमार


भारत तिब्बत मैत्री संघ, बिहार के द्वारा पिछले दिनों तिब्बती बौद्ध धर्म गुरु 11 वें पंचेन लामा का जन्मदिन मनाया गया एवं भारत सरकार एवं वैश्विक मानवाधिकार संगठनों से उनके रिहाई के लिए प्रयास करने का आह्वान किया गया। 11 वें "पंचेन लामा" गेदुन चोकेई न्यीमा का जन्म 25 अप्रेल 1989 को तिब्बत के लाहरी जिले में हुआ था। उनको मात्र 6 वर्ष की उम्र में 1995 में दलाई लामा द्वारा गेदुन चोकेई न्यीमा को 11 वें पंचेन लामा नियुक्त किया गया। उनके पंचेन लामा बनने की घोषणा हुए तीन दिन ही हुए थे कि उनको परिवार सहित चीन के द्वारा अगवा कर लिया गया था।

भारत सरकार दलाई लामा को संसद में सम्बोधन का अवसर दें - डॉ हरेंद्र कुमार


भारत तिब्बत मैत्री संघ, बिहार के द्वारा पिछले दिनों तिब्बती बौद्ध धर्म गुरु 11 वें पंचेन लामा का जन्मदिन मनाया गया एवं भारत सरकार एवं वैश्विक मानवाधिकार संगठनों से उनके रिहाई के लिए प्रयास करने का आह्वान किया गया। 11 वें "पंचेन लामा" गेदुन चोकेई न्यीमा का जन्म 25 अप्रेल 1989 को तिब्बत के लाहरी जिले में हुआ था। उनको मात्र 6 वर्ष की उम्र में 1995 में दलाई लामा द्वारा गेदुन चोकेई न्यीमा को 11 वें पंचेन लामा नियुक्त किया गया। उनके पंचेन लामा बनने की घोषणा हुए तीन दिन ही हुए थे कि उनको परिवार सहित चीन के द्वारा अगवा कर लिया गया था। तिब्बती लोगों का मानना है कि पंचेन लामा अभी भी जिन्दा हैं।

बौद्ध मान्यताओं में दलाई लामा की ही तरह ‘पंचेन लामा’ को भी बुद्ध का ही एक अवतार माना जाता है। पंचेन लामा को अमिताभ, यानी बुद्ध के असीम प्रकाश वाले दैवीय स्वरूप का अवतार माना जाता है। वहीं दलाई लामा उनके अवालोकीतेश्वरा स्वरूप का अवतार माना जाते है। सदियों से दलाई लामा और पंचेन लामा के मध्य एक महत्त्वपूर्ण संबंध रहा है। दलाई लामा, पंचेन लामा के एक आध्यात्मिक गुरु के रूप में कार्य करते हैं और पंचेन लामा नए दलाई लामा की खोज में अनिवार्य भूमिका अदा करते हैं। 

इस अवसर पर भारत तिब्बत मैत्री संघ, बिहार के अध्यक्ष डॉ हरेंद्र कुमार ने कहा कि 10 मार्च 1959 को चीनी सरकार द्वारा तिब्बत पर कब्ज़ा कर लिया गया।  जिसके पश्चात बौद्ध धर्म को मानने वाले साठ हज़ार अनुयायी दलाई लामा के साथ भारत आएं और भारत सरकार ने उनको शरण दी। वर्षों से भारत - तिब्बत मैत्री संघ तिब्बत को आजादी दिलाने के लिए आवाज उठाती रही है एवं भारत सरकार से आग्रह करती है कि दलाई लामा को भारत के संसद में बोलने का अवसर दें और भारत सरकार तिब्बत की आजादी दिलाने में अपनी अग्रणी भूमिका निभाए। साथ में सुरेंद्र कुमार राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, भारत तिब्बत मैत्री संघ, डॉ ब्रजेश कुमार शर्मा, उपाध्यक्ष भारत तिब्बत मैत्री संघ बिहार उपस्थित थें।  

Recent Posts

Categories