जहां एक तरफ आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर राजनीतिक पार्टियां कर्जमाफी और अन्य योजनाओं के नाम पर सियासी ज़मीन पर अपनी पकड़ मज़बूत करने में लगी हुई हैं। वहीं दूसरी तरफ कुछ राज्यों के किसान कर्ज़माफी के लिए सड़कों पर उतर रहें हैं।
अब ज़िला प्रबंधकीय कॉम्प्लेक्स के सामने गुरुवार को 'भारतीय किसान यूनियन क्रांतिकारी' की तरफ से केन्द्र व पंजाब सरकार के खिलाफ रोष प्रदर्शन करके जमकर नारेबाज़ी की है। इस दौरान 'भारतीय किसान यूनियन क्रांतिकारी' की ओर से एडीशनल डिप्टी कमिश्नर को पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के नाम ज्ञापन भी सौंपा गया।
साथ ही 'क्रांतिकारी किसान यूनियन' के ज़िलाध्यक्ष टहल सह झंडेयाना ने कहा कि पंजाब में नशे का दरिया बह रहा है। यह नशा राजनीतिक, पुलिस व गुंडा गठबंधन द्वारा कथित तौर पर युवाओं को परोसा जा रहा है।
आपको बता दें, भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश सचिव बलदेव सह जीरा ने कहा कि गरीब मज़दूर, किसान और अन्य गरीब लोग जब बैंकों से कर्ज़ लेते हैं तो उनसे मजबूरन तीन-तीन गारंटी ली जाती है। पहली ज़मीन या घर की रजिस्ट्री, फिर गारंटी डालने के बाद में हस्ताक्षर किए खाली चेक लिए जाते हैं।
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साथ ही वो बोले कि 'उनकी मुख्य मांगें पंजाब में नशे पर रोक लगाकर जो नशे की तस्करी कर रहें है उन पर शिकंजा कसा जाए। बैंकों द्वारा खाली चेक लेने बंद किए जाएं और लोगों से पहले लिए हुए चेक वापस किए जाएं। जो पशु लावारिस हैं उनकी धरपकड़ शुरू की जाए।
'क्रांतिकारी ग्रामीण मजदूर यूनियन' के प्रदेश नेता बलवंत सह मक्खू ने कहा कि जहां हम उक्त मांगों का समर्थन करते हैं। वहीं लावारिस पशुओं का मामला समाज के हर वर्ग के लिए अहम है। लावारिस पशु जहां फसलों का नुकसान करते हैं, वहीं एक्सीडेंट द्वारा कीमती जानें भी ले रहे हैं।
बलवंत सह मक्खू की मानें तो सरकारी आकड़ों के मुताबिक, लावारिस पशुओं के नाम पर सरकार करोड़ों रुपए एकत्रित कर रही है, लेकिन फिर भी लवारिस पशु सरेआम सड़कों पर घूम रहे है। उन्होंने इस दौरान सरकार और प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा कि 'अगर उनकी मांगों को जल्द पूरा नहीं किया गया तो किसान संघर्ष को और तेज करने के लिए मजबूर होंगे।