हमारे खान-पान से हमारे शरीर को ऊर्जा मिलती है। ऊर्जा के साथ हमारे शरीर में पचे हुए भोजन का कचरा या मल भी मौजूद होता है। इस मल या अतिरिक्त भोजन की हमारे शरीर को कोई आवश्यकता नहीं होती है। ज़रूरी है कि यह मल या कचरा नियमित रुप से हमारे शरीर से बाहर आते रहे। आपको बता दें, बीमारियों की शुरुआत सबसे पहले बलगम या कफ के जमने से होती है और धीरे-धीरे यह हमारी श्वास नलिका, फेंफड़े और चेहरे पर जमना शुरु हो जाती है। शरीर में बलगम का अधिक मात्रा में जम जाना 'नज़ले' का रुप ले लेता है।
जानते हैं इससे बचने के लिए क्या करें...
1. स्टीम या भाप लें:
करने के तरीका-
एक केतली या बरतन में पानी गरम करें और उसे उबालने के लिए छोड़ दें। फिर इसमें तुलसी की 8-10 पत्तियां डाल दें। जब पानी उबलने लगे तो केतली बंद कर दें और उस बरतन को किसी सुरक्षित जगह रख कर किसी तौलिए या गर्म कपड़े से खुद को ढक लें और गहरी सांस लें, इससे श्वास नली में जमा कफ बाहर निकलकर आने लगेगा।
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2. लौंग-
लौंग यूं तो अक्सर भोजन में परोसने के लिए होती है परंतु यह एक असरकारक औषधि भी है। आपको करना बस इतना है कि लौंग को तवे पर भून लें और भुनने के बाद इसे ठंडा होने के लिए छोड़ दें। कुछ देर के बाद इस लौंग को मूंह मे रखें। ऐसा करने से गले और फेफड़े में जमा कफ बाहर आ जाएगा और आपको राहत मिलेगी।
3. दूध, दही, मक्खन से परहेज़-
जब तक आप कफ या बलगम का इलाज कर रहे हैं तब तक आपको दूध और उससे सबंधित वस्तुओं का सेवन नहीं करना है क्योंकि यदि आप ऐसा करेंगे तो आपको आराम नहीं आएगा और आपकी हालत जस की तस बनी रहेगी.